बंद करना

    प्राचार्य

    प्यारे बच्चों !
    आप विद्यालय के सबसे महतवपूर्ण स्तंभ है ! विद्यालय के अस्तित्व का कारण एक मात्र आप है ! अत: आप सैदव अपनी महत्ता से स्वयं को गर्वित महसूस करें ! आज आप हमारे पास देश की धरोहर के रूप में मौजूद है ! हमारा ध्येय है कि आप सब ज्ञानवान हों , बुद्धिमान हों, शारीरिक और मानसिक रूप से पुष्ट होंI साथ ही आपमें मानवता के लिए संवेदनशीलता का विकास हो
    बच्चों, ये समय आपके जीवन का श्रेष्ठ समय है, इस समय का आप जितना सदुपयोग करेंगे उतना ही आपका जीवन श्रेष्ठ बन पाएगा ! अत: आप अपने इस बहुमूल्य समय का सर्वोतम उपयोग कर के श्रेष्ठ नागरिक बनें और अपने जीवन में सर्वोतम सफलता को प्राप्त करें ! आपका यह उद्देश्य आपको प्राप्त हो सके इस हेतु विद्यालय का प्रत्येक व्यक्ति प्राणप्रण से प्रयासरत है किन्तु प्यारे बच्चों आप के सहयोग के बिना हमारा ये ध्येय साकार नहीं हो सकता ! अत: आप भी हमारे इस अभीष्ट में सहभागी बने ! इसके लिए कुछ कर्तव्य आपको भी निभाने होंगे ! ये कर्तव्य है कि आप अपने देश , माता-पिता, गुरुजन और बड़े बुजुर्गो का सम्मान करें , अपने शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सजग रहें और अपने अंतर्मन को मानवता की भावना से सिंचित करेंI यदि यह कार्य सतत रूप से सम्पन्न होता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब भारत देश आप जैसे नागरिकों से सुशोभित होगा एवं विश्व गुरु की पदवी पर पुन: विराजमान होगा ! आपके भावी भविष्य की शुभकामनाओं के साथ